Patna Museum, जिसे जादू घर के नाम से भी जाना जाता है, बिहार की राजधानी पटना का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है। इसे वर्ष 1917 में स्थापित किया गया था और यह भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित संग्रहालयों में से एक है।
Patna Museum न केवल ऐतिहासिक धरोहरों और कलाकृतियों का संग्राहक है, बल्कि यह बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है।
पटना म्यूजियम का इतिहास
Patna Museum की स्थापना ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 1917 में की गई थी। इसका उद्देश्य बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रदर्शित करना था। म्यूजियम का निर्माण इंडो-सारसेनिक शैली में किया गया है, जिसमें भारतीय और इस्लामिक वास्तुकला का मिश्रण देखा जा सकता है।
म्यूजियम की प्रमुख आकर्षण
Patna Museum में अनेक प्रकार की दुर्लभ और अनमोल वस्तुएँ संग्रहित हैं, जो देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- धातु कला और मूर्तियाँ: यहां मौर्य, गुप्त और पाल काल की प्राचीन मूर्तियाँ और धातु की वस्तुएँ देखने को मिलती हैं। ये मूर्तियाँ भारतीय कला और संस्कृति की गहराई को प्रदर्शित करती हैं।
- प्राचीन पांडुलिपियाँ: पटना म्यूजियम में वैदिक काल, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, और इस्लामी साहित्य की दुर्लभ पांडुलिपियाँ संग्रहीत हैं। ये पांडुलिपियाँ भारतीय सभ्यता के विकास और उसकी समृद्ध साहित्यिक परंपराओं का प्रतीक हैं।
- चित्रकला संग्रह: म्यूजियम में विभिन्न प्रकार की पेंटिंग्स भी हैं, जैसे- मधुबनी पेंटिंग, राजस्थानी और मुगल शैली की पेंटिंग्स। ये चित्रकला संग्रह भारतीय चित्रकला के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं।
- विशेष संग्रह: म्यूजियम में ‘डिडारगंज यक्षी’ की मूर्ति, बुद्ध के अवशेष, और विभिन्न राजवंशों के सिक्के और हथियार भी रखे गए हैं, जो भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण अंश हैं।
म्यूजियम की संरचना और डिजाइन
Patna Museum का वास्तुशिल्प इंडो-सारसेनिक शैली में निर्मित है, जिसमें गुंबद, झरोखे, और विभिन्न प्रकार की नक्काशी का काम देखने को मिलता है। म्यूजियम के परिसर में एक आकर्षक बगीचा भी है, जो पर्यटकों को एक शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है।
कैसे पहुंचे पटना म्यूजियम?
Patna Museum का स्थान पटना के बीचोबीच है, जो आसानी से शहर के किसी भी हिस्से से पहुँचा जा सकता है। यह पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन से मात्र 2 किलोमीटर और जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
पटना म्यूजियम का समय और प्रवेश शुल्क
म्यूजियम सोमवार से शनिवार तक सुबह 10:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक खुला रहता है। रविवार को म्यूजियम बंद रहता है। इसके अलावा, विशेष अवसरों और छुट्टियों के दौरान भी म्यूजियम बंद हो सकता है। प्रवेश शुल्क वयस्कों के लिए 15 रुपये और बच्चों के लिए 10 रुपये है। विदेशी पर्यटकों के लिए अलग शुल्क निर्धारित है।
पटना म्यूजियम की यात्रा के लिए सुझाव
- आरामदायक कपड़े पहनें: म्यूजियम की यात्रा के दौरान आरामदायक कपड़े पहनें और हल्के जूते पहनें, ताकि आप बिना किसी परेशानी के संग्रहालय का आनंद ले सकें।
- गाइडेड टूर लें: म्यूजियम के भीतर गाइडेड टूर लेना फायदेमंद हो सकता है, जिससे आप हर प्रदर्शनी के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- कैमरा ले जाएं: म्यूजियम के बाहर और आसपास की सुंदरता को कैप्चर करने के लिए कैमरा साथ ले जाएं।
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निष्कर्ष
Patna Museum न केवल इतिहास प्रेमियों के लिए बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए एक अद्वितीय अनुभव है जो भारतीय सभ्यता और संस्कृति की गहराई को समझना चाहता है। यह संग्रहालय एक ऐसा स्थान है जहां आप न केवल प्राचीन वस्तुओं को देख सकते हैं,
बल्कि बिहार और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को भी समझ सकते हैं। अगर आप पटना की यात्रा कर रहे हैं, तो पटना म्यूजियम की यात्रा को अपनी सूची में जरूर शामिल करें।