बिहार में PACS (प्राथमिक कृषि साख समिति) चुनाव 2024 की तैयारी जोरों पर है। चुनावी माहौल में सभी की नजरें इस बार के नए नियमों और व्यवस्थाओं पर हैं। खासकर, एक हालिया घटना ने काफी चर्चा बटोरी है।
दरअसल, जिला अधिकारी (DM) को एक खत भेजा गया है ,जिसमें कुछ विशेष जगहों पर पोलिंग बूथ न लगाने की मांग की गई है। आइए जानते हैं इस मुद्दे के पीछे की पूरी कहानी और इसका संभावित असर।
क्या है मामला?
पैक्स चुनाव 2024 के दौरान बिहार के कई जिलों में पोलिंग बूथों की लोकेशन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। खासकर, यह विवाद तब बढ़ गया जब कुछ प्रत्याशियों ने DM को खत लिखकर मांग की कि पैक्स अध्यक्ष या किसी भी उम्मीदवार के घर के पास पोलिंग बूथ न बनाए जाएं।
उनका तर्क है कि ऐसा करने से निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है और यह चुनाव की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकता है।
इन जगहों पर नहीं लगेंगे पोलिंग बूथ:
- पैक्स अध्यक्ष के घर के पास: चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी PACS अध्यक्ष या प्रमुख उम्मीदवार के घर के पास पोलिंग बूथ नहीं बनाए जाएंगे। इसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना है।
- धार्मिक स्थलों के पास: किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल, जैसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या चर्च के पास पोलिंग बूथ नहीं होंगे, ताकि किसी प्रकार की धार्मिक भावनाओं को आहत न किया जाए।
- व्यक्तिगत संपत्तियों के पास: ऐसी सभी जगहें जो किसी एक व्यक्ति की निजी संपत्ति के तहत आती हैं, वहां पोलिंग बूथ लगाने पर भी रोक लगाई गई है। इसका मकसद किसी भी प्रकार के पक्षपात या गड़बड़ी से बचना है।
DM को क्यों भेजा गया खत?
इस मामले में कई प्रत्याशियों और राजनीतिक संगठनों ने DM को खत भेजा है। खत में मांग की गई है कि चुनाव में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है। DM से अनुरोध किया गया है कि वे इन मांगों पर गंभीरता से विचार करें और पोलिंग बूथ की लोकेशन का निर्धारण इस तरह से करें कि कोई भी उम्मीदवार विशेष लाभ की स्थिति में न हो।
क्या कहता है कानून?
चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पोलिंग बूथ की लोकेशन का निर्धारण बहुत ही सोच-समझकर किया जाता है।
चुनाव आयोग की यह जिम्मेदारी होती है कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसी भी उम्मीदवार या पार्टी को चुनाव के दौरान कोई विशेष लाभ न मिले। इसके लिए आयोग कई बार चुनाव से पहले और बाद में शिकायतों की सुनवाई भी करता है।
क्या होगा इसका असर?
इस कदम से चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता बढ़ेगी और मतदाताओं का विश्वास चुनाव प्रणाली में बना रहेगा। प्रत्याशियों को भी यह संदेश जाएगा कि चुनावी प्रक्रिया में कोई भी पक्षपात नहीं किया जाएगा। साथ ही, DM को भेजे गए खत के बाद, यह संभव है कि पोलिंग बूथों के निर्धारण में कुछ और बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं।
निष्कर्ष
बिहार PACS चुनाव 2024 के दौरान पोलिंग बूथ की लोकेशन को लेकर उठी यह मांग चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक सकारात्मक कदम है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि DM और चुनाव आयोग इस मामले पर क्या कदम उठाते हैं और आगे की चुनावी प्रक्रिया कैसी रहती है।
इस विषय में और जानकारी के लिए जुड़े रहें और बिहार के ताज़ा अपडेट्स के लिए हमारे ब्लॉग को social media पे फॉलो करें।