बिहार के नालंदा जिले में मिड-डे मील खाने से 22 बच्चों के बीमार होने की खबर सामने आई है। बीमार बच्चों ने उल्टी और दस्त की शिकायत की, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन और स्थानीय प्रशासन में भी अफरातफरी का माहौल बन गया है।
घटना की जानकारी
मंगलवार की दोपहर नालंदा जिले के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील के दौरान यह घटना घटी। जैसे ही बच्चों ने खाना खाया, उनमें से कुछ बच्चों को पेट में दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत होने लगी।
देखते ही देखते 22 बच्चे बीमार हो गए, जिन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बच्चों की स्थिति
अस्पताल में बच्चों का इलाज चल रहा है और अधिकतर बच्चों की हालत अब स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टरों ने बताया कि यह फूड प्वाइजनिंग का मामला हो सकता है, लेकिन सटीक कारण जांच के बाद ही सामने आएगा।
मिड-डे मील में लापरवाही का आरोप
बच्चों के अभिभावकों ने मिड-डे मील की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि मिड-डे मील में अक्सर लापरवाही की जाती है और बच्चों को खराब खाना परोसा जाता है। इस घटना के बाद से स्कूल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
स्थानीय प्रशासन का बयान
स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रशासन का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मिड-डे मील की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार की भी जांच की जा रही है।
मिड-डे मील योजना पर फिर उठे सवाल
यह कोई पहली बार नहीं है जब मिड-डे मील के कारण बच्चे बीमार हुए हों। पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस तरह की घटनाएं मिड-डे मील योजना की गुणवत्ता और सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं।
मिड-डे मील योजना की चुनौतियाँ और समाधान
- खाद्य सुरक्षा: मिड-डे मील में प्रयुक्त खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की नियमित जांच होनी चाहिए।
- मानव संसाधन: मिड-डे मील बनाने वाले कर्मचारियों का स्वास्थ्य और साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है।
- प्रशासनिक निगरानी: स्थानीय प्रशासन को मिड-डे मील की आपूर्ति की नियमित निगरानी करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
निष्कर्ष
नालंदा में मिड-डे मील खाने से बच्चों के बीमार होने की घटना ने फिर से इस योजना की कमियों को उजागर किया है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे इस दिशा में सख्त कदम उठाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों और बच्चों का स्वास्थ्य सुरक्षित रह सके।
FAQs:
1. कितने बच्चे मिड-डे मील खाने से बीमार हुए?
22 बच्चे मिड-डे मील खाने के बाद बीमार हुए।
2. बच्चों की क्या स्थिति है?
अस्पताल में बच्चों का इलाज चल रहा है और अधिकतर की हालत स्थिर है।
3. मिड-डे मील की गुणवत्ता पर क्या सवाल उठाए जा रहे हैं?
मिड-डे मील में खराब गुणवत्ता और लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं, जिसकी जांच की जा रही है।
4. प्रशासन ने क्या कार्रवाई की है?
प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।