बिहार में चिकनगुनिया से खतरा बढ़ा: अररिया में एक हफ्ते में 5 बच्चों की मौत, जानें कैसे करें बचाव

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बिहार में मौसमी बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। डेंगू और मलेरिया के बाद अब चिकनगुनिया भी लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।

हाल ही में अररिया जिले में चिकनगुनिया से एक हफ्ते के भीतर पांच बच्चों की मौत हो गई है, जिससे स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

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चिकनगुनिया: क्या है और कैसे फैलता है?

चिकनगुनिया एक वायरल संक्रमण है जो मच्छरों के काटने से फैलता है। यह आमतौर पर ‘aedes aegypti’ और ‘aedes albopictus’ मच्छरों के काटने से फैलता है। ये मच्छर दिन में काटते हैं, खासकर सुबह और शाम के समय।

चिकनगुनिया के लक्षण

  1. तेज बुखार: चिकनगुनिया से संक्रमित व्यक्ति को अचानक तेज बुखार हो सकता है।
  2. जोड़ों में दर्द: यह बीमारी जोड़ों में तेज दर्द का कारण बनती है, खासकर घुटनों, कलाई, और उंगलियों में।
  3. शरीर पर चकत्ते: चिकनगुनिया से संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर लाल चकत्ते भी हो सकते हैं।
  4. थकान और कमजोरी: इस बीमारी के कारण रोगी में थकान और कमजोरी की शिकायत भी होती है।

चिकनगुनिया से बचाव के उपाय

  1. मच्छरों से बचाव करें: मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का उपयोग करें।
  2. मच्छर-रोधी क्रीम और स्प्रे का उपयोग: मच्छरों से बचने के लिए मच्छर-रोधी क्रीम और स्प्रे का उपयोग करें।
  3. पानी जमा न होने दें: अपने आस-पास पानी को जमा न होने दें, क्योंकि यह मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल स्थान होता है।
  4. घर के अंदर भी सतर्क रहें: घर के अंदर भी मच्छरों के आने से बचने के लिए खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगाएं।

बिहार में चिकनगुनिया की स्थिति

अररिया जिले में पिछले एक हफ्ते में चिकनगुनिया के कारण पांच बच्चों की मौत ने पूरे राज्य को सतर्क कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी रोकथाम के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि जागरूकता अभियान चलाना, दवाओं का वितरण, और प्रभावित क्षेत्रों में मच्छरनाशक छिड़काव करना।

चिकनगुनिया का इलाज और देखभाल

चिकनगुनिया के लिए कोई विशेष टीका या एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। इसका इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है, जिसमें दर्द निवारक दवाएं, तरल पदार्थों का सेवन, और पूर्ण आराम शामिल है। रोगी को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इलाज करना चाहिए।

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FAQs

1. चिकनगुनिया का सबसे आम लक्षण क्या है?

चिकनगुनिया का सबसे आम लक्षण तेज बुखार और जोड़ों में दर्द है।

2. क्या चिकनगुनिया जानलेवा हो सकता है?

हां, अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।

3. चिकनगुनिया से बचने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?

मच्छरों से बचाव, मच्छरदानी का उपयोग, मच्छर-रोधी क्रीम और स्प्रे का उपयोग, और पानी जमा न होने देना।

4. चिकनगुनिया का इलाज कैसे किया जाता है?

चिकनगुनिया का इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है, जिसमें दर्द निवारक दवाएं, तरल पदार्थों का सेवन, और पूर्ण आराम शामिल है।

5. चिकनगुनिया के मच्छर कब ज्यादा सक्रिय होते हैं?

चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर दिन में ज्यादा सक्रिय होते हैं, खासकर सुबह और शाम के समय।

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निष्कर्ष

चिकनगुनिया एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, खासकर बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में। इसकी रोकथाम और बचाव के लिए सभी को सतर्क रहना चाहिए और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। समय पर इलाज और सावधानी से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है।

आपके स्वास्थ्य की सुरक्षा आपके अपने हाथ में है, सतर्क रहें और स्वस्थ रहें, share जरूर करें

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